Sunday, December 20, 2009

क्या हिन्दुस्तानी दिमाग को बदला जा सकता है

क्या हिन्दुस्तानी दिमाग को बदला जा सकता है , एक भाषा सिखाने के लियें .............
अंग्रेजी सिखने के लियें लोग कहते है कि आप बस अंग्रेजी में बोलना शुरू कर दो , जैसे कि आप हिंदी बोलना सीखते होबिना ग्रामर के , परन्तु हम हिंदी बोलना सीखते है क्योंकि हमारे पास उसके सिवाय कोई आप्शन नहीं रहता है और हमारे आस पास के सभी लोग हिंदी माहौल में रहते है तो हिंदी सिखने के लियें यह सही है लेकिन अंग्रेजी के लियें ऐसा बिलकुल भी नहीं किया जा सकता क्योंकि व्यक्ति के पास अंग्रेजी ना आने पर हिंदी बोलने का आप्शन रहता है।
अंग्रेजी केवल हिंदी में ही सिखाई जा सकती है, यह एक मनोवैज्ञानिक तरीका है । एक हिंदी बोलने वाला व्यक्ति हिंदुस्तान में वाक्य का अनुवाद करके ही सिख सकता है । परन्तु कुछ लोग मानते है कि बस उसे इंग्लिश कि नदी में फेंक दो तो वो इंग्लिश सीखेगा । अरे नदी में तैरना एक अलग बात है क्योंकि वह तैरने के सिवाय कोई आपशन नहीं रहता है नहीं तो वो मर भी जाता है ................
तो कभी भी तैरने को अंग्रेजी सिखने से तोला मोला नहीं जा सकता .......
बिलकुल सोच समझ कर जवाब दीजियेगा .....

Monday, November 23, 2009

जरूरत है एक मनोवैज्ञानिक तरीके की .....

जी हाँ , इंग्लिश सिखने के लिए बस एक मनोवैज्ञानिक तरीके की जरूरत है जो की अंग्रेजी को सिखने वाले के अंदाज में पेश करें , और वही मैंने किया है ....."इंग्लिश अब हिन्दी में "

Friday, November 13, 2009

इंग्लिश सिखने के लियें क्या करें .....

इंग्लिश सिखने के लियें क्या करें .....
मै यहाँ पर यह बताना चाहता हूँ की अंग्रेजी सिखने के लियें क्या करना चाहियें क्योंकि ये भी सत्य है की हम हिंदुस्तान में रहते है और हमरी मात्र भाषा हिन्दी है और अभी तक हम बड़े भी हिन्दी इनवायरमेंट में हुएं हैं ..................
इंग्लिश (कोई भी भाषा )किसी भी व्यक्ति(हिन्दुस्तानी) को सिर्फ़ दो तरीको से सिखाई जा सकती है
१। या तो उस व्यक्ति का दिमाग इतना छोटा कर दिया जायें जितना की एक नवजात शिशु का होता है और फिर उसे साल भर या दो साल तक साथ में रखा जायें तो वह इंग्लिश क्या जपनिस भी सिख जायेगा , पर यह
प्रेक्टिकली सम्भव नही है ............ तो फिर क्या किया जाएँ ..........
२। दूसरा तरीका यह है की उस व्यक्ति को इंग्लिश उसी इन्वायरमेंट में इंग्लिश सिखाये जायें जिसमे वो बचपन से लेकर अभी तक बड़ा हुआ है मतलब हिन्दुस्तानी व्यक्ति को हिन्दी में ......
और मैंने ये दूसरा तरीका बड़ा ही कारगर पाया है और बड़े लोगो के आर्शीवाद से एक छोटी से पहल की है जिसका नाम "इंग्लिश अब हिन्दी में " है ।
जरूर एक बार वेबसाइट पर जाईयें और अपने कमेन्ट जरूर दीजियें ....
www.englishabhindime.com

क्या हम अंग्रेजी सिखने से अंग्रेज बन जायेंगे ....

क्या हम अंग्रेजी सिखने से अंग्रेज बन जायेंगे ....
नही ऐसा नही है , वैश्विक स्तर की भाषा होने के कारण अंग्रेजी का ज्ञान होना बहूत जरूरी है । इस वस्तिविकता को जानते हुए भी कुछ परम्परावादी लोग इसे सिखने में हिचक महसूस करते है,
ऐसा मुझे महसूस हुआ कई बार ..... पर मै उन्हें ये बताना चाहता हूँ की अंग्रेजी सिखने से कोई अंग्रेज नही बन जाता जब तक हम वहा की संस्कृति को न अपनायें.

Sunday, October 18, 2009

इंग्लिश bolna है बहूत aasan

इंग्लिश बोलना है बहूत आसान, बस जरूरत है एक मनोवैज्ञानिक तरीके की जो की उस व्यक्ति के दिमाग को पड़कर उसके हिसाब से कोई सरल तकनीक उपलब्ध करवा सके जिसे वो याद कर सके।

"इंग्लिश अब हिन्दी में " के माध्यम से एक यही प्रयास है जो की एक किताब है जिसमे इसी तरह के कुछ मनोवैज्ञानिक प्रयोगों का वर्णन किया गया है और इस ब्लॉग पर मैं ऐसे ही मनोवैज्ञानिक सवालो का इंतजार कर रहा हूँ जो की इस अभियान को आगे बड़ा सके जिससे, वैश्विक स्तर की भाषा इंग्लिश को और भी सरल बनाया जा सके .........

Wednesday, October 7, 2009

वैश्विक स्तर की भाषा है सीखना जरूरी .............

वैश्विक स्तर की भाषा है सीखना जरूरी .............
वास्तविकता तो यही है की आज हमारा सारा कम काज अंग्रेजी में होता है और ऐसे में अंग्रेजी का बहूत ज्यादा ज्ञान नही बल्कि थोड़ा बहूत लेकिन सटीक ज्ञान आपका आत्मविश्वास बड़ा सकता हैं।
समस्या क्या है यह जानना जरूरी है की आप अंग्रेजी क्यो नही बोल पाते ?


Friday, September 18, 2009

इंग्लिश सिखियें अब और भी मनोरंजक अंदाज में

इंग्लिश सिखियें अब और भी मनोरंजक अंदाज में ............
जी हाँ मनोरंजक अंदाज मतलब ?

One          Two             का             Four
                                   से
                                ये 

               One          Two          का                Four
क्या है ,जानने की लिए प्रश्न पुछियें ....................

Monday, June 15, 2009

Indian Student english





" श्री अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म सच्चिदानंद सतगुरु श्री सईनाथ महाराज की जय"

इंग्लिश कि सारी शुरूआती समस्याओ के लियें आपका इस ब्लॉग में स्वागत है .............
आप किसी भी तरह कि समस्या का सवाल पूछ सकते हैं ..........


सत्य को स्वीकारो
हम भले ही हिंदुस्तान में रहते है पर वास्तविकता तो यह है की आजकल सारा कामकाज अंग्रेजी में होता है जैसे कि उच्च शिक्षा , बैंक का कार्य इत्यादि ..............
और हमे भी इसमे बिल्कुल अपडेट रहना है पर इंग्लिश का डर हम पर हावी रहता है और हम डरते रहते है ....
बस इसी डर को दूर करने के लिए ही मैंने एक नयी तकनीक का उपयोग किया है उसी का नाम



"इंग्लिश अब हिन्दी में " है



यह एक पारम्परिक किताब नही है , जिसमे A to Z मटेरिअल हो जो की अन्य किताबो में पाया जाता है और एक मासूम मन के लिए डरावना होता है बल्कि इसमे पाठक के मासूम मन को ध्यान में रखते हुए सिर्फ़ A और B ( जो की बोलने के लिए जरूरी है ) पर ही ध्यान दिया गया है ।

इसकी भाषा बिल्कुल आपकी बोलचाल की भाषा है। इस किताब में पाठक की मनोवैज्ञानिक स्थिति को ध्यान में रखा गया है । अगर कोई भी व्यक्ति इस किताब को ध्यान से पढता है तो वह अपना डर दूर कर सकता है, और जैसे ही उसका डर दूर हुआ कि वह इंग्लिश बोलना शुरू कर देता है और विश्वास मानिये यह किताब उसे आगे बोलने में बहुत मदद करती है



Yes my dear friend,
If You are afraid of .......................
Come to me


"Mai hu na...."
शाहरुख़ नहीं हूँ तो क्या ?
I have focused on a very innocent Indian heart of a human being who fears from speaking english. I have also tried to go beyond the traditional approach of book (which may be a fear of an innocent heart).
अध्यात्मिक विचारो के लिए निम्न लिंक पर जरूर क्लिक करें ...
http://www.findyourownways.blogspot.com/